नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा-सम्बुद्धस्स

जैसे शांत जल में चंद्रमा साफ़ दिखता है,
वैसे ही शांत मन में सफलता साफ़ दिखती है।

तनाव छोड़ो!

कुछ ऐसे…

☐😮‍💨 बॉक्स ब्रीदिंग:

४ सेकंड तक गहरी साँस लें, ४ सेकंड रोकें, ४ सेकंड में धीरे-धीरे छोड़ें, फिर ४ सेकंड रुकें। ऐसा ५ मिनट करें। इससे मन तत्काल शांत होता है और एकाग्रता बढ़ती है। 1

↔️😮‍💨 अनुलोम-विलोम:

एक नाक बंद कर दूसरी से गहरी साँस लें। फिर वह नाक बंद कर पहली से धीरे साँस छोड़ें। ऐसे बारी-बारी से 5 मिनट करें। इससे ताज़गी आती है और मानसिक संतुलन बढ़ता है। 2

🗑️🚮 ब्रेन डंप:

रात को सोने से पहले अपनी सभी चिंताओं-परेशानियों को एक कागज़ पर लिखें। इससे दिमाग़ हल्का, नींद अच्छी, और याददाश्त तेज़ होती है। 3


रोज़ इन तीन तरीकों का उपयोग करें, विशेषकर परीक्षा के समय। शांत रहकर दुनिया जीत लो!😌


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🔔 नीचे Footnotes पढ़ना आवश्यक नहीं।

  1. यह नायाब तरीका शरीर के “रिलैक्सेशन रिस्पॉन्स” (parasympathetic nervous system) को तुरंत सक्रिय कर देती है। जब हम गहरी और नियंत्रित साँसें लेते हैं, तो यह हमारे शरीर को शांत करता है और तनाव कम करता है। यह तरीका विशेष रूप से अमेरिका के बेहतरीन फौजी नेवी SEALS, दुनिया के एलीट एथलीट्स, और मनोचिकित्सकों द्वारा तनाव और एकाग्रता बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। ↩︎

  2. यह दोनों मस्तिष्क के हिस्सों को संतुलित करता है और श्वास का प्रवाह सुधरता है, जिससे मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है। यह आयुर्वेदिक तकनीक है, जो आज आधुनिक न्यूरोफिजियोलॉजी द्वारा भी समर्थित है। यह मानसिक तनाव को कम करता है, तंत्रिका प्रणाली को शांत करता है, और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाता है। ↩︎

  3. यह मानसिक ओवरलोड को कम करता है, क्योंकि यह हमारे दिमाग से परेशान करने वाले विचारों को बाहर निकालने में मदद करता है। रात को सोने से पहले इसे करने से चिंताओं में कमी आती है और नींद में सुधार होता है। शोध बताते हैं कि जर्नलिंग से चिंता कम होती है और याददाश्त बेहतर होती है। ↩︎