नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा-सम्बुद्धस्स

विनय

⚠️ आवश्यक सूचना:

🔐 निम्नलिखित साहित्य केवल भिक्षुओं के लिए हैं! अर्थात, जिसकी भिक्षु-उपसंपदा न हुई हो, उन सभी के लिए इसे पढ़ना दोषपूर्ण है, दुष्कृत्य है! स्वयं से इन्हे पढ़ने का पाप न करें — चाहे आप गृहस्थ उपासक, उपासिका हो, अथवा सन्यासी श्रामणेर, श्रामणेरी, अनागारिक, या परधर्मी साधु ही हो।

🔓 केवल जब वरिष्ठ भिक्षु (उपसंपदा देने के पूर्व) अनुमति दे, मात्र तभी पढ़ें ! अन्यथा अपनी जिज्ञासा को धर्म-सूत्रों से ही तृप्त करें!

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